जीवन का यथार्थ और समाज का आईना था प्रेमचंद का साहित्य

मुंशी प्रेमचंद अपनी कहानियों के जरिए किसी भी बात को सिर्फ कहते नही हैं, बल्कि पाठक के दिलो-दिमाग पर...

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